विजय कुमार दिवाकर
राजस्थान, जयपुर।
राजस्थान का मोस्टवांटेड पपला गुर्जर उर्फ विक्रम को जयपुर पुलिस ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया है। वहां पर पपला नाम बदलकर रह रहा था। 5 लाख रुपए के इस इनामी को बुधवार की रात ऑपरेशन में पुलिस ने पकड़ा। पपला वहां अपनी एक महिला मित्र के साथ रहा था। पुलिस को देखकर पपला ने भागने की कोशिश की। वह तीसरी मंजिल से कूद गया। लेकिन पहले से तैनात पुलिस कमांडो से उसे पकड़ लिया। पपला पर 5 लाख रुपए का इनाम था। उसकी गिरफ्तारी से राजस्थान पुलिस ने राहत की सांस ली।

करीब डेढ़ साल पहले यानी 6 सितंबर 2019 को अलवर जिले की बहरोड़ पुलिस ने चेकिंग के दौरान पपला को पकड़ा था। पुलिस उसे पकड़कर थाने ले आई थी और हवालात में बंद कर दिया था। उसकी अगली सुबह 7 बजे पपला के हथियारबंद साथियों ने थाने पर हमला कर दिया। एके-47 से लैस पपला के साथियों ने 50 से ज्यादा फायर किए। वह थाने का लॉकअप तोड़कर पपला को भाग ले गए थे। थाने पर हमला करके बदमाश को छुड़ाने की इस वारदात से राजस्थान पुलिस को शर्मिदगी झेलनी पड़ी थी।

जिम संचालक महिला ने दी शरण, नाम बदलकर रह रहा था पपला
पपला कोल्हापुर में ऊदल सिंह के नाम से रह रहा था। उसके पास से फर्जी आधार कार्ड भी मिला है। वह महिला मित्र के साथ रह रहा था। महिला मित्र जिम संचालक है। उसका नाम जिया है। पुलिस ने महिला को भी गिरफ्तार किया है। पपला के साथ उसे भी जयपुर लाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उसने काफी समय से पपला को शरण दे रखी थी।
यूं पकड़ में आया पपला
- पुलिस के मुताबिक, पपला की तलाश के लिए पुलिस की दो टीमों बनाई गई थी। दोनों ही टीम लगातार पपला का सुराग तलाश रही थी। इन टीमों ने मथुरा, कानपुर, गाजियाबाद समेत कई शहरों में कई दबिश दी। लेकिन, पपला पकड़ में नहीं आया। करीब एक हफ्ते पहले पुलिस को पपला के कोल्हापुर में होने का इनपुट मिला। इसके बाद एक टीम को कोल्हापुर भेजा गया। टीम ने एक सप्ताह रहकर छानबीन की।
- इस दौरान पुलिस टीम उस मकान तक पहुंचने में कामयाबी हो गई, जिसमें छिपकर पपला फरारी काट रहा था। 26 जनवरी को पहले मकान के आसपास के वीडियो बनाकर पुलिस ने जयपुर में पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद 27-28 जनवरी की रात यानी बुधवार रात को ऑपरेशन चलाकर पपला को पकड़ा गया।
- रात को पुलिस ने उस मकान को चारों तरफ से घेर लिया, जिसमें पपला रह रहा था। पुलिस के आने की भनक लगने पर पपला ने भागने की कोशिश की। उसने बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। लेकिन घर के पीछे तैनात कमांडो ने उसे पकड़ लिया। कूदने के कारण पपला के दोनों पैर में चोट भी लगी।

भागने के बाद से पुलिस की प्रियारिटी में रहा पपला
थाने पर हमले की वारदात के बाद पपला की गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस की प्रियारिटी में रही है। इस मामले की जांच एसओजी को सौंपी गई थी। तब फरार पपला पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। जिसे बढ़ाकर तीन लाख और फिर बाद में 5 लाख किया गया। पपला को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने हरियाणा और यूपी पुलिस के सहयोग से सर्च ऑपरेशन चलाया था। उसकी गैंग में शामिल करीब 30 बदमाशों को पुलिस ने धरदबोचा था। कई पर 50-50 हजार रुपए के इनाम घोषित किए गए थे। ये सभी जेल में बंद है। गैंग का एक साथी राजवीर फरार अभी भी फरार है।

साल 2019 पुलिस पपला गुर्जर के कारण गहरी नींद नहीं ले सकी थी
साल 2019 के 6 सितम्बर के सवेरे के बाद प्रदेश की पुलिस पपला गुर्जर के कारण गहरी नींद नहीं ले सकी थी। तड़के करीब 3:20 बजे पपला गुर्जर को बहरोड़ कस्बे के पास नेशनल हाइवे से 31 लाख 90 हजार रुपए सहित हिरासत में लिया था। करीब 5 घण्टे बाद सवरे आठ बजे तो पपला के साथी बदमाश फिल्मी अंदाज में फायरिंग करते हुए बहरोड़ थाने में घुस गए। पपला जिस लॉकअप में बंद था। पहले उस लॉकअप के ताले पर फायर किए। इसके बाद तो करीब 50 से अधिक फायर करते हुए पपला को ले भागे। उस समय थाने में पुलिस के पास भी हथियार थे लेकिन, कोई काम नहीं आए। मतलब पुलिस इतने बड़े घटनाक्रम के दौरान चुस्त नहीं थी। पपला के भागने के बाद पुलिस ढंग की नींद नहीं सो सकी। इस घटना के एक साल 4 माह 23 दिन बाद पुलिस ने पपला को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। लेकिन, इस बीच पुलिस की बद पिटती रही। सरकार पर खूब सवाल उठाए गए।
दिन भर बदमाश आगे और पुलिस पीछे
सुबह आठ बजे बाद पपला को भगा ले जाने के बाद बहरोड़, नीमराणा, मुण्डावर सहित आसपास के थानों की पुलिस पपला के पीछे-पीछे भागती रही। पपला व बदमाश बहरोड़ से सोडावास होते हुए मुण्डावर की तरफ भागे थे। मुण्डावर में एक बार तो ऐसा हुआ कि पपला सहित बदमाशों की कार पीछे रह गई और पुलिस आगे निकल गई। जिसको लेकर कहा गया कि पुलिस को पता नहीं चला की यह बदमाशों की गाड़ी थी। पुलिस के बाद दूसरी बार भी उनको पकड़ने का मौका लगा। पपला व बदमाशों की गाड़ी खराब होने पर उन्होंने रोड पर चलती पिकअप को अगवा किया। फिर पिकअप को लेकर फरार हुए। आगे चलकर खेतों में घुस गए। फिर अंधेरा होने पर पुलिस पपला के पीछे ही रही। पकड़ नहीं सकी। उसके बाद से पपला गायब हो गया। पुलिस धीरे-धीरे उसकी गैंग के बदमाशों को पकड़ती रही।
पुलिस बदमाशों के हथियारों से डरती भी रही
घटना के दिन बदमाशों के पीछे-पीछे पुलिस को देखा गया। मुण्डावर कस्बे के आसपास तो बदमाशों की गाड़ी के आगे दूसरी गाड़ी भी लगा दी थी। लेकिन, वहां से पपला रोड चलती पिकअप को अगवा कर फरार हो गए। कुछ दूर जाने के बाद वे खेतों में घुस गई। उस समय भी खेत व पहाड़ों से होते हुए बदमाश भाग गए। रात होने के कारण पुलिस की घेराबंदी काम नहीं आ सकी। उसके अगले दिन के बाद से तो पुलिस ने कई दर्जन जगहों पर छापे मारे। लेकिन, कुछ हाथ नहीं आ सका था।
30 से अधिक गिरफ्तार
पपला के फरार होने के बाद पुलिस ने पपला गैंग से जुड़े 30 से अधिक बदमाश व लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बदमाशों के प्रति आमजन के भय को खत्म करने के लिए कस्बे में भी घुमाया गया। कई बार बदमाश पेशी पर लाए गए हैं। लेकिन, पुलिस के आला अधिकारियों ने पपला को पकड़ने के लिए कई राज्यों में छापेमारी की। अब पुलिस को सफलता मिली है। इस बीच दर्जना पुलिस अधिकारी भी बदल गए।
हरियाणा पुलिस का लूट व हत्या का आरोपी
पपला राजस्थान ही नहीं हरियाणा पुलिस का भी इनामी बदमाश था। जिस पर 3 लाख रुपए का इनाम घोषित था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, दुष्कर्म सहित अनेक संगीन मामले दर्ज हैं।
दो हैड कांस्टेबल बर्खास्त, 69 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, एसएचओ सहित चार सस्पैंड
पपला के भागने के मामले में पुलिस ने दो हैड कांस्टेल बर्खास्त किए थे। इसके अलावा 69 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर और एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पैंड किया गया था। असल में पपला गुर्जर को पकड़े के जाने के बाद उसे छोड़ने के लिए पुलिस भी बदमाशों के बिचौलियों से सौदेबाजी करती रही थी। कई अन्य अलग-अलग कारण से दोषी मिले थे।